अधूरी चाहत और मरता परिवार - भाग 1 Abhishek Chaturvedi द्वारा क्राइम कहानी में हिंदी पीडीएफ

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अधूरी चाहत और मरता परिवार - भाग 1

अधूरी चाहत और मरता परिवार 
(उपन्यास)

भाग-१


अधूरी ख़्वाहिशें
         डॉ. अनामिका एक बेहद काबिल और मशहूर डॉक्टर थीं। उनकी सुंदरता और व्यक्तित्व ने उन्हें हर किसी की नजरों का केंद्र बना दिया था। उनका सुडौल शरीर और आकर्षक चेहरा किसी को भी उनकी ओर खींच सकता था। उनके पास सबकुछ था—खूबसूरत पति, प्यारा सा बच्चा, और एक अच्छी ज़िंदगी। लेकिन फिर भी, कहीं कुछ अधूरा था, जिसे वह खुद भी नहीं समझ पा रही थीं।

उनके पति, रोहित, उनसे बेहद प्यार करते थे और उनका आदर करते थे, लेकिन उनके बीच की वह पुरानी चमक अब धीरे-धीरे खोने लगी थी। रिश्ते में एक खालीपन था, जिसे अनामिका भरने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन कहीं ना कहीं वह असफल हो रही थीं।

अनजाने रिश्ते की शुरुआत
एक दिन अनामिका के अस्पताल में एक नए मरीज़, विनय, का आना हुआ। वह एक रहस्यमय और करिश्माई व्यक्ति था, जो हर किसी से अलग था। अनामिका को न जाने क्यों उसकी ओर खिंचाव महसूस होने लगा। धीरे-धीरे विनय और अनामिका के बीच बातों का सिलसिला शुरू हुआ। वे घंटों बात करते, एक-दूसरे की ज़िंदगी और भावनाओं को समझते। उनके बीच एक अनजानी चाहत पनपने लगी, जिसे न अनामिका रोक पाई और न ही विनय।

विनय के साथ उनका संबंध गहराता चला गया। यह एक ऐसा रिश्ता था जो उन्हें उस खालीपन से बाहर निकाल रहा था, लेकिन साथ ही एक बड़ी उलझन भी ला रहा था। अनामिका अब दोहरी जिंदगी जी रही थीं—एक ओर उनका आदर्श परिवार था, और दूसरी ओर विनय के साथ उनका यह अनैतिक संबंध।

छिपे हुए राज़
इस रिश्ते का असर अनामिका के घर पर भी पड़ने लगा। रोहित ने महसूस किया कि अनामिका अब पहले जैसी नहीं रही, उसकी आंखों में अब वह पुराना प्यार नहीं था। लेकिन वह इसे नज़रअंदाज़ करता रहा, शायद उसे यकीन था कि यह महज एक समय की बात है और सबकुछ ठीक हो जाएगा।

इस बीच, अनामिका को यह एहसास होने लगा कि वह विनय के साथ शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह जुड़ गई है। उसे लगा कि विनय ही उसकी असली खुशी है, लेकिन इस खुशी की कीमत उसे जल्द ही चुकानी थी। 

दर्दनाक मोड़
एक दिन जब अनामिका घर आई, तो उसने देखा कि रोहित ने कुछ महसूस कर लिया था। उसके चेहरे पर सवाल और संदेह की लकीरें साफ दिखाई दे रही थीं। वह जान चुका था कि अनामिका का किसी और के साथ संबंध है। वह अपने बच्चे, आरव के साथ बैठा था और उसकी आंखों में दर्द साफ दिखाई दे रहा था।

इस स्थिति से अनामिका बेहद परेशान हो गई। उसने सोचा कि अब इस सच से भागने का कोई रास्ता नहीं है। उसे डर था कि यह सच बाहर आने पर उसकी पूरी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी—उसकी प्रतिष्ठा, उसका परिवार, उसका करियर—सब कुछ खत्म हो सकता था।

और फिर, एक खौफनाक विचार उसके मन में आया। उसने अपने ही बेटे, आरव को खत्म करने की योजना बनाई, क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि उसका अतीत और यह गंदा सच उसके बच्चे की मासूमियत को छीन ले।

अन्तहीन दर्द
एक रात, जब सब सो रहे थे, अनामिका ने आरव को शांतिपूर्वक सोते देखा। उसकी मासूमियत को देखते हुए उसका दिल एक पल के लिए पिघल गया, लेकिन फिर उसे याद आया कि अब उसके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है। उसने एक दर्दनाक निर्णय लिया और अपने ही बेटे को ज़हर दे दिया।

अगली सुबह जब रोहित जागा, तो उसने देखा कि आरव की सांसें थम चुकी थीं। वह चिल्लाया, रोया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अनामिका ने रोहित को एक झूठी कहानी सुनाई कि आरव की मौत एक दुर्घटना थी। रोहित टूट चुका था, और अनामिका का दिल भी अब बेजान हो गया था।

वह जानती थी कि उसने जो किया, उसका कोई प्रायश्चित नहीं है। उसकी जिंदगी अब हमेशा के लिए अधूरी और खाली रह जाएगी, क्योंकि उसने अपने ही बेटे की जान लेकर अपने प्यार की सबसे बड़ी कुर्बानी दी थी। 

यह कहानी एक ऐसी महिला की है जो अपनी ख़ुद की इच्छाओं के चलते अपने परिवार और जीवन को बर्बादी के कग़ार पर ले जाती है, और अन्त में ख़ुद भी बर्बाद हो जाती है।



 गहरी ख़ामोशी 
आरव की मौत के बाद घर में अजीब-सी खामोशी छा गई थी। रोहित पूरी तरह टूट चुका था। वह अनामिका से दूर रहने लगा, उसकी आंखों में अब वह भरोसा नहीं था। अनामिका खुद भी भीतर से बिखर रही थी, लेकिन उसने खुद को शांत बनाए रखा, जैसे कुछ हुआ ही न हो।

विनय से अब उसकी मुलाकातें कम होने लगीं। वह पहले जैसी ताजगी और जोश अब महसूस नहीं कर रही थी। हर बार जब वह विनय से मिलती, आरव का चेहरा उसकी आंखों के सामने आ जाता। उसकी आत्मा पर एक गहरा बोझ था, जिसे वह चाहकर भी नहीं हटा पा रही थी।

अब आगे पढ़े नहीं शुरुआत क्या होता है....
जासूसी की शुरुआत...